Posted Dec 7, 2024
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Posted Dec 6, 2024
Posted Dec 6, 2024
राजेंद्र नगर में कोचिंग हादसे में किस विभाग की लापरवाही है और किसकी नहीं इसको लेकर जांच की फाइलें अलग-अलग विभागों में दौड़ाई जा रही हैं। हालात यह हैं कि विभिन्न विभागों के अधिकारी एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ने की तैयारी में लगे हैं। राजधानी में वैसे तो हर काम के लिए कई विभाग बने हुए हैं। इन विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों की जिम्मेदारी भी तय है, लेकिन ले-देकर कागजों में खानापूर्ति की जाती है। ऐसे में लोगों की जान चली जाती है फिर कार्रवाई के नाम पर कुछ दिनों तक काम होता है उसके बाद स्थिति फिर पहले वाली हो जाती है। उदाहरण के तौर पर देखा जाए तो हाल के दिनों में करंट लगने से एक के बाद एक हादसे हुए, जिसमें लोगों की जान गई। इस मामले में क्या कार्रवाई की गई किसी को भी नहीं पता। बीते वर्ष भी करंट लगने से कई लोगों की जान गई थी उसमें भी यही स्थिति देखने को मिली। इस तरह के हादसे न हों, इसको लेकर विभाग कोई ठोस कदम नहीं उठाते। यही कारण है कि हर साल हो रहे हादसों में बेगुनाहों की जान जा रही है।अग्निशमन सेवा के अधिकारियों ने बताया कि कोचिंग सेंटर को लेकर फायर एनओसी का नियम नहीं है। इमारत में किस तरह से इस्तेमाल होगा इस पर निर्भर करता है कि एनओसी दी जाए या नहीं। इमारत जिस विभाग के अधिकार क्षेत्र में आती है