Posted Dec 7, 2024
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Posted Dec 6, 2024
Posted Dec 6, 2024
सिविल लाइंस स्थित 6, फ्लैग स्टाफ रोड पर सीएम आवास के सील होने के बाद दिल्ली की सियासत गरमा गई है। मुख्यमंत्री सचिवालय (सीएमओ) की तरफ से इसे जबरन की गई कार्रवाई करार दिया गया है। साथ में आशंका जताई है कि इसे भाजपा के किसी बड़े नेता को दिया जा सकता है। बुधवार शाम सीएमओ की तरफ से बयान जारी किया गया कि एलजी के आदेश पर मुख्यमंत्री आतिशी का सामान उनके आधिकारिक आवास से जबरन बाहर निकाल दिया गया। देश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है, जब जनता द्वारा चुने गए मुख्यमंत्री को सीएम कैंप कार्यालय और आवास से जबरन बेदखल कर दिया गया। पीडब्ल्यूडी ने 6 अक्तूबर को सीएम आवास की चाबी आतिशी को सौंप दी थी। इस प्रक्रिया में विभाग ने सभी नियमों और प्रोटोकॉल का पालन किया गया है।प्रदेश भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निवास को सील करने की कार्रवाई का स्वागत किया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने बुधवार को कहा कि लोकनिर्माण विभाग को इस विवादितशीश महल को पहले ही सील कर देना चाहिए था, क्योंकि सीलिंग जन आकांक्षाओं के अनुरूप है और विभाग को इस भवन का वीडियो ग्राफिक सर्वेक्षण करवाकर रिपोर्ट दिल्ली की जनता के समक्ष रखनी चाहिए। भाजपा लगातार जांच व सीलिंग की मांग कर रही है। अब इसकी हर बात को जनता के बीच रखा जाना चाहिए। फ्लैग स्टाफ रोड स्थित बंगले पर मुख्यमंत्री आतिशी का बिना सरकारी आवंटन नियमों के पालन के कब्जा करवाने की जल्दबाजी साफ दर्शाती है कि बंगले में कुछ न कुछ ऐसा है जिसे केजरीवाल न सिर्फ दिल्ली वालों से बल्कि कानून एवं लोकनिर्माण विभाग तक से छुपाकर रखना चाहते हैं।विडंबना है कि जिस पार्टी की सारी राजनीति ही न बंगला, न गाड़ी पर आधारित थी, वह आज बंगले के लिए अखाड़ा जमाए बैठी है। आतिशी के पास मंत्री के रूप में पहले से आवंटित 17एबी मथुरा रोड का बंगला है और इसी बंगले से तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने 1998 से 2004 तक सरकार चलाई थी।