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Posted - Sep 6, 2024

पीयू का सिकंदर: कांग्रेस के टिकट न देने पर निर्दलीय उतरे और रच दिया इतिहास... जानिए काैन है अनुराग दलाल

पीयू स्टूडेंट काउंसिल इलेक्शन में प्रेसिडेंट के लिए निर्दलीय उम्मीदवार अनुराग दलाल के सिर जीत का सेहरा सज गया है। वह पीयू के नए सरताज बन गए हैं। मतगणना के दौरान अनुराग दलाल शुरू से ही बढ़त बनाए हुए थे। अनुराग दलाल को कुल 3433 से वोट मिले हैं।  पंजाब विश्वविद्यालय के छात्र परिषद चुनाव में लगातार दो बार अपने खड़े किए उम्मीदवार को अध्यक्ष पद की गद्दी दिला कर एनएसयूआई के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सिकंदर बूरा किंगमेकर बन गए हैं। सिकंदर बूरा ने छात्र परिषद चुनाव से एक सप्ताह पहले ही एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया क्योंकि उनकी पार्टी के हाईकमान के साथ अध्यक्ष उम्मीदवार को लेकर सहमति नहीं बनी। सेक्टर 35 के कांंग्रेस भवन में बीच कॉन्फ्रेंस में बूरा यह कहकर उठ गए थे कि अध्यक्ष उम्मीदवार को लेकर दिल्ली से तुगलकी फरमान जारी हुआ।सीनेटर प्रो. नवदीप गाेयल ने बताया कि यह पहली बार है कि कोई निर्दलीय छात्र अध्यक्ष पद जीता हो। इससे पहले कभी कोई निर्दलीय छात्र अध्यक्ष पद पर नहीं जीता। अनुराग दलाल ने एनएसयूआई वापस ज्वाइन करने पर साफ इनकार किया और कहा कि यह चुनाव छात्र वर्सिज सरकार था जिसमें विद्यार्थियों की जीत हुई। पीयू की छात्र राजनीति में अक्सर बाहरी नेताओ का हस्तक्षेप देखा जाता है जहां उम्मीदवारों को सिफारिशी टिकट मिलती है लेकिन छात्रों ने उन्हें जिता कर नेताओं की राजनीति को फेल कर दिया। पिछली बार जहां जतिंदर को 3002 वोट पड़े थे अनुराग को 3433 मत मिले।26 साल के अनुराग दलाल केमिस्ट्री विभाग में पीएचडी स्कॉलर हैं।पीयू का सिकंदर: कांग्रेस के टिकट न देने पर निर्दलीय उतरे और रच दिया इतिहास... जानिए काैन है अनुराग दलालपीयू स्टूडेंट काउंसिल इलेक्शन में प्रेसिडेंट के लिए निर्दलीय उम्मीदवार अनुराग दलाल के सिर जीत का सेहरा सज गया है। वह पीयू के नए सरताज बन गए हैं। मतगणना के दौरान अनुराग दलाल शुरू से ही बढ़त बनाए हुए थे। अनुराग दलाल को कुल 3433 से वोट मिले हैं।  पंजाब विश्वविद्यालय के छात्र परिषद चुनाव में लगातार दो बार अपने खड़े किए उम्मीदवार को अध्यक्ष पद की गद्दी दिला कर एनएसयूआई के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सिकंदर बूरा किंगमेकर बन गए हैं। सिकंदर बूरा ने छात्र परिषद चुनाव से एक सप्ताह पहले ही एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया क्योंकि उनकी पार्टी के हाईकमान के साथ अध्यक्ष उम्मीदवार को लेकर सहमति नहीं बनी। सेक्टर 35 के कांंग्रेस भवन में बीच कॉन्फ्रेंस में बूरा यह कहकर उठ गए थे कि अध्यक्ष उम्मीदवार को लेकर दिल्ली से तुगलकी फरमान जारी हुआ।सीनेटर प्रो. नवदीप गाेयल ने बताया कि यह पहली बार है कि कोई निर्दलीय छात्र अध्यक्ष पद जीता हो। इससे पहले कभी कोई निर्दलीय छात्र अध्यक्ष पद पर नहीं जीता। अनुराग दलाल ने एनएसयूआई वापस ज्वाइन करने पर साफ इनकार किया और कहा कि यह चुनाव छात्र वर्सिज सरकार था जिसमें विद्यार्थियों की जीत हुई। पीयू की छात्र राजनीति में अक्सर बाहरी नेताओ का हस्तक्षेप देखा जाता है जहां उम्मीदवारों को सिफारिशी टिकट मिलती है लेकिन छात्रों ने उन्हें जिता कर नेताओं की राजनीति को फेल कर दिया। पिछली बार जहां जतिंदर को 3002 वोट पड़े थे अनुराग को 3433 मत मिले।26 साल के अनुराग दलाल केमिस्ट्री विभाग में पीएचडी स्कॉलर हैं।