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Posted - Aug 5, 2024

Jammu Kashmir अनुच्छेद-370 से आजादी के पांच साल पूरे, बेड़ियां टूटीं शिखर छूती उम्मीदें... पर कसक बाकी

05 अगस्त। इस तारीख ने इन वर्षों में दो बार बड़ी सुर्खियां बटोरी। सुर्खियां भी ऐसी, जो देश-दुनिया तक चर्चा का विषय बनीं। सबसे पहले 2019 में तब, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 व 35ए से आजादी मिली। दूसरी बार ठीक एक साल बाद उसी दिन तब, जब 2020 में अयोध्या में श्रीराम मंदिर का मोदी ने शिलान्यास किया। आज हम इस खास दिन की चर्चा सिर्फ इसलिए नहीं कर रहे हैं, क्योंकि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 व 35ए के खात्मे के पांच साल पूरे हुए हैं। हम इसकी चर्चा इसलिए भी कर रहे हैं, क्योंकि यह वह अवधि है, जिसमें एक निर्वाचित सरकार अपना लगभग एक कार्यकाल पूरा कर लेती। यहां के लोग तमाम बदलावों से खुश हैं, लेकिन, राज्य का दर्जा और अपनी सरकार चुनने का सपना इन पांच सालों में पूरा नहीं हुआ है। यह कसक उनमें साफ-साफ नजर आ रही है।मंदिरों के शहर जम्मू में प्रवेश करते ही तवी नदी पर रिवर फ्रंट आकार लेता नजर आ रहा है। उधमपुर-रामबन के रास्ते श्रीनगर की ओर बढ़िए तो हाईवे और पहाड़ों के बीच टनल में फर्राटा भरतीं गाड़ियां, इस दुर्गम प्रदेश की सुगम यात्रा का आनंद हर क्षण महसूस कराती हैं। चिनाब पर विश्व का सबसे ऊंचा रेल पुल बन गया है। कश्मीर जल्दी ही रेल मार्ग के जरिए पूरे देश से जुड़ने को तैयार है। पीएम जब चाहें, हरी झंडी दिखा सकते हैं।