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Posted - Jul 8, 2023

अमेरिका से क्लस्टर बम क्यों चाहता है यूक्रेन? यह कितना खतरनाक और पहले कब हुआ इसका इस्तेमाल?

 

पिछले 17 महीने से भी ज्यादा समय से रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है। दोनों देशों के तेवर देखते हुए लगा नहीं रहा कि यह युद्ध खत्म होने जा रहा। इस बीच व्हाइट हाउस ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका इस बात पर विचार कर रहा है कि यूक्रेन को क्लस्टर बम प्रदान किया जाए या नहीं।एक क्लस्टर बम असल में सैकड़ों छोटे-छोटे बमों का संग्रह होता है। जब इन बमों को दागा जाता है तब ये बीच रास्ते में फट कर बहुत बड़े इलाके को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे टारगेट के आसपास भी भारी नुकसान पहुंचता है।

इस युद्ध सामग्री को लेकर दुनियाभर में विवाद है। यही कारण है कि दोनों देशों के मानवाधिकार समूहों ने इस तरह के हथियारों का उपयोग बंद करने के लिए आह्वान किया है। आइये जानते हैं कि आखिर क्लस्टर बम होता क्या है? यह बम कितना खतरनाक होता है? इसे लेकर विवाद क्यों है? उनका इस्तेमाल कब और कहां किया गया है? यूक्रेन को इन बमों का इस्तेमाल कहां करना चाहता है? आइए जानते हैं...

क्लस्टर बम क्या है?
एक क्लस्टर बम असल में सैकड़ों छोटे-छोटे बमों का संग्रह होता है। जब इन बमों को दागा जाता है तब ये बीच रास्ते में फट कर बहुत बड़े इलाके को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे टारगेट के आसपास भी भारी नुकसान पहुंचता है। इसका इस्तेमाल अधिकतर इंफेंट्री यूनिट या दुश्मन देश की सेना के जमावड़े को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जाता है। रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति (आईसीआरसी) के अनुसार इन्हें विमानों तोपखाने और मिसाइलों द्वारा दागा जा सकता है। क्लस्टर बमों को हवा और जमीन दोनों जगहों से दागा जा सकता है।बम कितने खतरनाक हैं?
बमों को जमीन से टकराते ही विस्फोट करने के लिए बनाया गया है और उस क्षेत्र में किसी के भी मारे जाने या गंभीर रूप से घायल होने की बहुत आशंका होती है। कई बम तुरंत विस्फोट करने में विफल हो जाते हैं। लेकिन ये बम उनके उपयोग के लंबे समय बाद लोगों के लिए खतरा पैदा करते हैं। क्लस्टर बमों से गोला-बारूद दागे जाने के वर्षों या दशकों बाद भी लोगों को मार सकता है या अपंग कर सकता है।बम विवादित क्यों माने जाते हैं?
2008 में डबलिन में कन्वेंशन ऑन क्लस्टर म्यूनिशन नाम से अंतरराष्ट्रीय संधि अस्तित्व में आई। इस संधि के तहत क्लस्टर बमों को रखने, बेचने या इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी गई थी। इस संधि में शामिल देशों को इसे मानने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। 

हालांकि दुनिया के कई देशों ने इस संधि का विरोध किया और इसके सदस्य नहीं बने। जिसमें भारत, रूस, अमेरिका, चीन पाकिस्तान और इस्राइल शामिल थे। सितंबर 2018 तक इस संधि पर दुनिया के 108 देश हस्ताक्षर कर चुके हैं। क्लस्टर म्यूनिशन कोएलिशन के अनुसार 2008 में कन्वेंशन को अपनाने के बाद से 99% वैश्विक भंडार नष्ट हो गए हैं।

भले ही क्लस्टर बमों का उत्पादन और इस्तेमाल प्रतिबंधित है लेकिन अमेरिका, इराक, उत्तर कोरिया, इस्राइल समेत दुनिया के कई देशों पर इनके प्रयोग करने के आरोप लगते रहे हैं। मानवाधिकार समूहों का कहना है कि आबादी वाले इलाकों में क्लस्टर बमों का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन है क्योंकि ये अंधाधुंध विनाश का कारण बनते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार क्लस्टर बम हताहतों में से साठ प्रतिशत लोग रोजमर्रा की गतिविधियों के दौरान घायल हुए हैं जिसमें से एक तिहाई बच्चे हैं।गार्जियन की एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि रूसी सैनिकों ने यूक्रेन के आबादी वाले इलाकों में क्लस्टर हथियारों का इस्तेमाल किया है जिसके कारण कई नागरिकों की मौत हुई है। ह्यूमन राइट्स वॉच के अनुसार यूक्रेन ने रूस के कब्जे वाले क्षेत्र को फिर से हासिल करने के प्रयासों में भी उनका इस्तेमाल किया है।यूक्रेन को इन बमों का इस्तेमाल क्यों करना चाहता है?
यूक्रेन क्लस्टर बमों पर जोर दे रहा है। उसका तर्क है कि ये हथियार उसके सैनिकों को रूसी ठिकानों को निशाना बनाने और उसके जवाबी हमले में मदद करेंगे। अभी तक अमेरिका ने हथियारों के उपयोग के बारे में चिंताओं का हवाला देते हुए यूक्रेन के अनुरोध को ठुकरा दिया था और कहा था कि वे आवश्यक नहीं हैं। 

हालांकि अमेरिकी अधिकारियों ने हाल ही में अपने रुख में बदलाव का संकेत दिया। पेंटागन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पिछले महीने कहा था कि अमेरिकी सेना का मानना है कि क्लस्टर हथियार उपयोगी होंगे खासकर रूसी ठिकानों के खिलाफ। 

इस बीच, अधिकार समूहों ने रूस और यूक्रेन से क्लस्टर बमों का उपयोग बंद करने का आह्वान किया है। ह्यूमन राइट्स वॉच में कार्यवाहक हथियार निदेशक मैरी वेयरहैम ने कहा रूस और यूक्रेन द्वारा इस्तेमाल किए गए क्लस्टर हथियार अब नागरिकों को मार रहे हैं और कई वर्षों तक ऐसा करना जारी रखेंगे वेयरहैम ने आगे कहा कि दोनों पक्षों को तुरंत इनका उपयोग बंद कर देना चाहिए और इन अंधाधुंध हथियारों को और अधिक हासिल करने का प्रयास नहीं करना चाहिए।