Posted Dec 7, 2024
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Posted Dec 6, 2024
Posted Dec 6, 2024
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अमेरिका पर उनकी सरकार गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया था। अब जब इसे लेकर बांग्लादेश की मौजूदा सरकार के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे क्योंकि वह नहीं चाहते कि युवा पीढ़ी के बलिदान को कमतर आंका जाए। मोहम्मद तौहीद हुसैन ने कहा कि छात्रोंऔर अन्य युवाओं को एक निरंकुश शासन को लोकतांत्रिक और समावेशी शासन में बदलने के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया है। युवा पीढ़ी के बलिदान के चलते ही सरकार बदली और शेख हसीना को इस्तीफा देकर देश छोड़कर भागना पड़ा। यह अचानक हुआ आंदोलन था, जो सरकार के सत्ता से बेदखल होने पर ही खत्म हुआ।बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों और हिंदुओं पर हमले की घटनाओं पर मोहम्मद तौहीद हुसैन ने कहा कि शेख हसीना के जाने के तुरंत बाद प्रशासन में एक खालीपन आ गया था और पुलिसिंग की भी समस्या थी क्योंकि पुलिस को युवा पीढ़ी के खिलाफ रखा गया था, इसलिए जब शेख हसीना चली गईं, तो उस समय तनाव और भावनाओं का ज्वार बहुत अधिक था, जिसके चलते कुछ घटनाएं हुईं, लेकिन इसे हिंदू विरोधी आंदोलन करना पूरी तरह से गलत है। हिंसा ज्यादातर अवामी लीग के वफ़ादारों के ख़िलाफ़ हुई। आंदोलन के दौरान कुछ हिंसा हुई, लेकिन वह इस आधार पर नहीं थी कि कोई हिंदू था या मुसलमान। अगर आप धर्म के हिसाब से गिनें, तो उस समय हिंदुओं की तुलना में मुसलमानों पर ज़्यादा हमले हुए, ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि अवामी लीग समर्थकों के ख़िलाफ आंदोलन चल रहा था जिसे सरकार संभालने के तुरंत बाद रोक लिया गया था। मुझे नहीं लगता कि इस समय इस देश में कोई शिकायत करेगा कि ऐसी कोई कार्रवाई हुई है। बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन से जब पूछा गया कि क्या देश में दुर्गा पूजा मनाई जाएगी, तो उन्होंने कहा, यह बहुत अजीब बात है। हो सकता है कि कुछ लोग दुर्गा पूजा को पसंद न करें, लेकिन इस देश में सदियों से दुर्गा पूजा होती आ रही है और ऐसा कोई मौका नहीं आया जब दुर्गा पूजा न हुई हो। निश्चित रूप से, जो श्रद्धालु दुर्गा पूजा करना चाहते हैं, वो कर सकते हैं। इस बात में कोई संदेह नहीं होना चाहिए।