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Posted - Jun 13, 2024

Kathua : 90 के दशक को दोहराने में जुटा पाकिस्तान बड़ी साजिश लगातार घुसपैठ और पहाड़ के घने जंगल में ठिकाना

 

जम्मू-कश्मीर में पिछले 34 साल में ड्रोन ड्रॉपिंग से लेकर सुरंगें, तारबंदी काटने, आत्मघाती हमलों की सभी साजिशों में विफल रहने के बाद पाकिस्तान ने अब एक बार फिर यू टर्न लेकर नब्बे का दशक दोहराने की साजिश रची है। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीजफायर की आड़ में पाकिस्तान ने हाल फिलहाल में बड़े पैमाने पर आतंकियों की घुसपैठ करवाई है। इसकी तस्दीक बसंतगढ़ और अब कठुआ के सैडा सोहल व भद्रवाह के छत्रगलां टॉप पर आतंकी हमलों और मुठभेड़ से भी हो जाती हैजम्मू संभाग के पहाड़ी इलाकों में आतंकी जंगलों को पनाहगाह बना रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों को यह भी शक है कि स्थानीय स्तर पर भी बिना इनके सीधे संपर्क में आए स्लीपर सेल इनकी मदद कर रहा है। जो सुरक्षा एजेंसियों के लिहाज से खतरे की बड़ी घंटी है। ऐसे में आतंकियों के साथ साथ मददगारों या स्लीपर सेल का सफाया भी बड़ी चुनौती रहेगी।नब्बे के दशक में एक दौर ऐसा था जब पाकिस्तान की ओर से अंतरराष्ट्रीय सीमा के रास्ते आतंकी घुसपैठ करवाई जाती थी। इस दौर में घुसपैठ के लिए सीमा पर लगी तारबंदी को काटना, नदी-नालों के जरिए घुसपैठ की कोशिशें होती रहीं। आतंकी इस दौर में कश्मीर घाटी को जाने के लिए कठुआ जिले के विभिन्न दरियाई रूट का इस्तेमाल करते जो उधमपुर और कठुआ जिले के पहाड़ों तक उनके लिए राह बनते थे। यहीं से आतंकी कश्मीर का रुख कर लेते थे इसके बाद पहाड़ी चोटियों पर पुलिस पोस्ट से लेकर वीडीजी को सक्रिय किया गया। पिछले ढाई दशक में पाकिस्तान ने कई पैंतरे बदले। घुसपैठ के बाद आईबी से सटे इलाकों में पुलिस और सैन्य पोस्टों पर आत्मघाटी हमलों का दौर शुरू किया। इसके बाद पाकिस्तान ने सुरंगों के जरिए घुसपैठ शुरू करवाई। सुरक्षा एजेंसियां जैसे जैसे आगे बढ़कर पाकिस्तान की नापाक कोशिशों का भंडाफोड़ करतीं वैसे ही पाकिस्तान नई साजिश की तैयारी में जुट जाता। हाल फिलहाल के वर्षों में स्लीपर सेल की मदद से ड्रोन ड्रॉपिंग और उससे पहले घुसपैठ और हथियार गिराने के बाद ट्रक के जरिए कश्मीर घाटी आतंकियों को पहुंचने के मामले भी सामने आ चुके हैं।हाल फिलहाल में लगातार इलाके में आतंकवादियों की बड़ी गतिविधियों ने साफ कर दिया है कि घुसपैठ के लिए आतंकियों के पास कोई खुफिया रास्ता लगातार खुला हुआ है, जिससे सुरक्षा एजेंसियां अनभिज्ञ चल रही हैं। यह आने वाले दिनों में भी चुनौती का सबब बन सकता है।