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Posted - May 26, 2024

NASA: नासा ने लॉन्च किया पहला छोटा जलवायु उपग्रह ध्रुवीय जलवायु परिवर्तन के असर के बारे में मिलेगी जानकारी

नासा ने शनिवार को न्यूजीलैंड के उत्तर में महिया से रॉकेट लैब नामक कंपनी के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 1 से शाम 7:41 बजे जूते के डिब्बे के आकार का पहला छोटा जलवायु उपग्रह लॉन्च किया। इसे एक इलेक्ट्रॉन रॉकेट से लॉन्च किया गया। इस पूरे मिशन को प्रीफायर (फार-इन्फ्रारेड एक्सपेरिमेंट में पोलर रेडिएंट एनर्जी) नाम दिया गया है।मिशन में दो शूबॉक्स के आकार के क्यूब उपग्रह शामिल हैं। यह ग्रह के दो सबसे ठंडे, सबसे दूरस्थ क्षेत्रों से पृथ्वी द्वारा अंतरिक्ष में उत्सर्जित होने वाली गर्मी की मात्रा को मापेंगे। प्रीफायर मिशन के डेटा से शोधकर्ताओं को गर्म होती दुनिया में पृथ्वी की बर्फ, समुद्र और मौसम कैसे बदलेंगे का बेहतर अनुमान लगाने में मदद मिलेगी।नासा के पृथ्वी विज्ञान अनुसंधान निदेशक करेन सेंट जर्मेन ने हाल ही में कहा था कि ध्रुवों में क्या हो रहा है, जलवायु में क्या हो रहा है जैसी नई जानकारी जो हमारे पास पहले कभी नहीं थी। प्रीफायर मिशन उसका नमूना या मॉडल तैयार करने की हमारी क्षमता में सुधार करेगा। उन्होंने कहा कि इस तरह के छोटे उपग्रह बहुत विशिष्ट वैज्ञानिक सवालों का जवाब देने का एक कम लागत वाला तरीका है। ऐसे में बड़े उपग्रहों को सामान्यवादी और छोटे उपग्रहों को विशेषज्ञ माना जा सकता है और नासा को दोनों की जरूरत है। नासा का ताजा प्रीफायर मिशन पृथ्वी प्रणाली की हमारी समझ के एक अंतर को भर देगा।इससे आने वाले वर्षों में हमारे ग्रह की प्रणाली कैसे बदलेगी इसकी बेहतर समझ पैदा होगी। मौसम और पानी में बदलावों पर नजर रखने वाले किसानों, बदलते समुद्रों में मछली पकड़ने वाले बेड़े और तटीय समुदायों को बदलती जलवायु के अनुरूप होने की अहम जानकारी मिल पाएगी।