Posted Dec 7, 2024
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Posted Dec 7, 2024
Posted Dec 6, 2024
Posted Dec 6, 2024
इसरो आज यानी बुधवार को दोपहर 1 से 2 बजे के बीच चंद्रयान-3 की दूसरी बार ऑर्बिट घटाएगा। 6 अगस्त को रात करीब 11 बजे पहली बार चंद्रयान की ऑर्बिट घटाई गई थी। यान अभी चंद्रमा की 170 Km x 4313 Km की ऑर्बिट में है। यानी ये ऐसी अंडाकार कक्षा में घूम रहा है जिसमें उसकी चांद से सबसे कम दूरी 170 Km और सबसे ज्यादा दूरी 4313 Km है।22 दिन के सफर के बाद चंद्रयान ने 5 अगस्त को शाम करीब 7बजकर15मिनट पर चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा था। यान चंद्रमा की ग्रैविटी में कैप्चर हो सके इसके लिए उसकी स्पीड कम की गई थी। स्पीड कम करने के लिए इसरो वैज्ञानिकों ने यान के फेस को पलटकर थ्रस्टर 1835 सेकेंड यानी करीब आधे घंटे के लिए फायर किए। ये फायरिंग शाम 7 बजकर 12 मिनट शुरू की गई थी।इसरो के एक्स साइंटिस्ट मनीष पुरोहित कहते हैं कि इस मिशन के जरिए भारत दुनिया को बताना चाहता है कि उसके पास चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने और रोवर को वहां चलाने की काबिलियत है। इससे दुनिया का भारत पर भरोसा बढ़ेगा जो कॉमर्शियल बिजनेस बढ़ाने में मदद करेगा। भारत ने अपने हेवी लिफ्ट लॉन्च व्हीकल LVM3-M4 से चंद्रयान को लॉन्च किया है। इस व्हीकल की काबिलियत भारत पहले ही दुनिया को दिखा चुका है।बीते दिनों अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस की कंपनी ब्लू ओरिजिन ने इसरो के LVM3 रॉकेट के इस्तेमाल में अपना इंटरेस्ट दिखाया था। ब्लू ओरिजिन LVM3 का इस्तेमाल कॉमर्शियल और टूरिज्म पर्पज के लिए करना चाहता है। LVM3 के जरिए ब्लू ओरिजिन अपने क्रू कैप्सूल को प्लान्ड लो अर्थ ऑर्बिट स्पेस स्टेशन तक ले जाएगा।