Loading...

 

Posted - Dec 6, 2023

यहां इंसान नहीं बल्कि दफनाई जाती हैं मशीन कहलाता है उपग्रहों का कब्रिस्तान

Point Nemo: आज हम आपको एक ऐसे कब्रिस्तान के बारे में बताने जा रहे हैं जहां इंसानों को नहीं बल्कि मशीनों को दफनाया जाता है. प्रशांत महासागर के मध्य में स्थित यह इलाका 13 000 फीट से अधिक की गहराई तक डूबा हुआ है. इंसानों की पहुंच से दूर इस इलाके को दुर्गमता का ध्रुव भी कहा जाता है.आपने बड़े से बड़े कब्रिस्तानों के बारे में सुना होगा जहां लाखों इंसान दफन हैं. लेकिन क्या कभी सुना है कि मशीनों के भी कब्रिस्तान होते हैं. दुनिया में एक जगह ऐसी भी है जहां मृत इंसानों को नहीं बल्कि उपग्रहों को दफनाया जाता है. ये वो सैटेलाइट्स होते हैं जो स्पेस में अपना कार्यकाल पूरा कर चुके होते हैं. जिसके बाद उन्हें यहां डंप कर दिया जाता है. अब यहां इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) को भी दफनाने का प्लान है, जो अगले कुछ वर्षों में अपनी सर्विस से हटने वाला है.बात हो रही है प्रशांत महासागर के मध्य में स्थित प्वॉइंट निमो की जिसे उपग्रहों का कब्रिस्तान कहा जाता है. यह इलाका इतना दुर्गम है कि इसके सबसे करीब स्थित जमीन का हिस्सा भी 1670 मील यानी 2700 किमी दूर है. इस जगह तक पहुंचने के लिए महासागर को पार करने में ही आपको कई दिन लग जाएंगे. बताया जाता है कि इस इलाके में कई छोटे द्वीप हैं जहां पक्षियों के अलावा और कोई जीव वास नहीं करता.livescience के अनुसार महासागर के पानी से घिरा यह इलाका ईस्टर आइलैंड के साउथ और अंटार्कटिका के नॉर्थ में स्थित है. यह इलाका 13 000 फीट से अधिक की गहराई तक डूबा हुआ है. इंसानों की पहुंच से दूर इस क्षेत्र को दुर्गमता का ध्रुव भी कहा जाता है.अब तक कितने उपग्रह दफनाए गए?रिपोर्ट के अनुसार 70 के दशक के बाद से अब तक प्वॉइंट निमो में 300 से अधिक उपग्रहों और स्पेस स्टेशन्स को जलमग्न किया जा चुका है. ये सैटेलाट्स दुनिया के अलग-अलग देशों से जुड़े हुए हैं. हाल ही में अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने घोषणा की कि वह आईएसएस को भी इसी जगह दफनाएगा. कब रिटायर होने वाला है ISS?आईएसएस पिछले 25 साल से स्पेस में है जिसे 2031 तक ऑफिशियली बंद कर दिया जाएगा. 357 फीट लंबा और 49725 किलो वजनी यह स्पेस स्टेशन प्वॉइंट निमो में दफन होने वाला अब तक का सबसे बड़ा स्पेस इक्विपमेंट होगा.