Posted Dec 7, 2024
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Posted Dec 6, 2024
Posted Dec 6, 2024
.विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संकेत दिए कि जरूरत पड़ने पर रूस और यूक्रेन के विवादों को सुलझाने के लिए भारत मध्यस्थ की भूमिका निभाने के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले में भारत खुद से कोई कदम नहीं उठाने वाला है। भारत और रूस के संबंधों पर बोले जयशंकरजर्मन अखबार को दिए साक्षात्कार में जयशंकर ने कहा फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन विवादों के बीच मध्यपूर्व में भारत के ऊर्जी आपूर्तिकर्ताओं ने पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति के लिए यूरोप को प्राथमिकता दी। यूरोप ने इन उत्पादों के बदले अधिक भुकतान किया। ऐसे में भारत को पास रूसी कच्चा तेल खरीदने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था। जयशंकर ने आगे कहा कि भारत यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया सभी इस संघर्ष से परेशान है। मुझे नहीं मालूम कि इसे खत्म कैसे करना है। यूक्रेन में रूसी सैन्य के हस्तक्षेप के बावजूद रूस के साथ सैन्य संबंध पर पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा इतिहास में देखा जाए तो रूस ने कभी भी हमारे हितों को नुकसान नहीं पहुंचाया है। यूरोप अमेरिका चीन या जापान के साथ के रूस के संबंधों में उतार-चढ़ाव देखा गया है। जयशंकर ने भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद को भी उचित ठहराया। उन्होंने कहा जब यूक्रेन में लड़ाई शुरू हुई तो यूरोप ने अपनी ऊर्जा खरीद का एक बड़ा हिस्सा मध्य पूर्व में स्थानांतरित कर दिया था उससे पहले तक यह भारत और अन्य देशों के लिए मुख्य आपूर्तिकर्ता था