Posted Mar 8, 2025
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Posted Mar 8, 2025
Posted Mar 7, 2025
चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद राजनीतिक गलियारों में इसके श्रेय को लेकर खींचतान चल रही है। सत्ताधारी पार्टी जहां इसे मौजूदा सरकार की उपलब्धि से जोड़कर पेश कर रही है वहीं विपक्ष इसका श्रेय इसरो की स्थापना करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी को दे रहा है। इस पूरी बयानबाजी के बीच इसरो को पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वह दावा कर रहे हैं कि पहले की सरकारों को तो इसरो पर विश्वास ही नहीं था और बजट का आवंटन भी बेहद सीमित था। नंबी नारायणन ने कहा कि इसरो चेयरमैन एस सोमनाथ को मिशन की सफलता का पूरा श्रेय मिला है। साथ ही प्रधानमंत्री को भी इसका श्रेय जाएगा।एक इंटरव्यू के दौरान जब नंबी नारायणन से पूछा गया कि राजनीतिक पार्टियां चंद्रयान-3 मिशन की सफलता का श्रेय लेने में जुटी हैं और इस पर आपका क्या कहना है तो उन्होंने कहा कि इसरो की शुरुआत में पूर्व की सरकारों की प्राथमिकता में अंतरिक्ष रिसर्च नहीं थी और इसरो को मिलने वाला बजट भी कम था। शुरुआत में रिसर्च के काम के लिए कारें या जीप भी उपलब्ध नहीं थी और सिर्फ एक बस थी जो शिफ्ट में चला करती थी। नंबी नारायणन के दावे के अनुसार पूर्व की सरकारों को इसरो पर विश्वास ही नहीं था।