Posted Mar 8, 2025
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Posted Mar 8, 2025
Posted Mar 7, 2025
नौकरी के बदले नकदी मामले में फंसे तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी की पत्नी ने बीते दिनों मद्रास हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। हालांकि इस याचिका पर हाईकोर्ट की बेंच एकमत नहीं है और जजों की अलग-अलग राय है। ऐसे में याचिका को अब बड़ी बेंच के पास भेजा जाएगा। डिविजन बेंच में जस्टिस जे निशा बानु और जस्टिस डी भरत चक्रवर्ती शामिल थे। जस्टिस जे निशा बानु जहां सेंथिल बालाजी को राहत देने पर सहमत थी, वहीं जस्टिस चक्रवर्ती इसके खिलाफ थे। इसके बाद बेंच ने रजिस्ट्री विभाग को निर्देश दिए कि इस मामले को अन्य बड़ी पीठ के पास भेज दिया जाए।
बता दें कि सेंथिल बालाजी को ईडी ने 14 जून गिरफ्तार किया था। इस पर सेंथिल बालाजी की पत्नी मेगाला ने मद्रास हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। याचिका में मेगाला ने आरोप लगाया कि उनके पति को गलत तरीके से हिरासत में रखा गया है। याचिका में आरोप लगाया गया था कि तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष के अन्नामलाई ने सेंथिल बालाजी के खिलाफ साजिश रची है। हालांकि ईडी की तरफ से हाईकोर्ट में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का विरोध किया था। तुषार मेहता ने कहा कि पीएमएलए कानून की धारा 19 के तहत ईडी के पास अधिकार है कि वह किसी व्यक्ति को शक के आधार पर गिरफ्तार कर सकती है।