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Posted - Jun 12, 2024

UP Cabinet decision: सीएम योगी का राज्य कर्मचारियों को तोहफा रिटायर होने के बाद भी मिलेगा वेतनवृद्धि का लाभ

चुनाव के बाद राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। अब रिटायर होने के अगले दिन होने वाली वेतनवृद्धि नियत होने पर ऐसे कर्मियों के पेंशन की गणना एक नोशनल वेतन वृिद्ध को जोड़कर की जाएगी। मंगलवार को कैबिनेट बैठक में वित्त मंत्रालय के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।मंगलवार को कैबिनेट बैठक के बाद वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि छठवें वेतन आयोग की संस्तुतियों द्वारा कर्मचारियों की सालाना वेतनवृद्धि हर साल एक जुलाई को की गई। सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों द्वारा सालाना वेतन वृद्धि एक जनवरी 2016 से लागू की गई। इसके बाद कर्मचारियों को वेतनवृद्धि की तारीख एक जुलाई और एक जनवरी को चुनने का विकल्प दिया गया है।मद्रास उच्च न्यायालय, कर्नाटक उच्च न्यायालय और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में इस संबंध में दायर विभिन्न याचिकाओं में 30 जून को रिटायर कर्मचारियों को आगामी वेतनवृद्धि दिए जाने के आदेश दिए जा चुके हैं। ऐसे ही मामलों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा कई बार एसएलपी खारिज की जा चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आदेश भी दिया था, जिसके तहत न्यायिक अधिकारियों को रिटायरमेंट के बाद पहली जनवरी या पहली जुलाई को होने वाले वेतनवृद्धि का लाभ देने का आदेश दिया गया था।


30 जून और 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले राज्य सरकार के कर्मचारियों की वेतनवृद्धि अगर एक जुलाई और 31 दिसंबर को होती थी, तो उसका लाभ पेंशन और ग्रेच्युटी के रूप में उन्हें नहीं मिल पाता था। इसके बाद इसे राज्य कर्मचारियों पर भी लागू करने का फैसला लिया गया। अब सेवानिवृत्ति के ठीक अगले दिन एक जुलाई और एक जनवरी को वेतनवृद्धि नियत होने पर ऐसे कार्मिकों की पेंशन गणना एक वेतनवृद्धि जोड़कर की जाएगी।यदि किसी जूनियर का वेतन निर्धारण सीनियर से ज्यादा हो गया हो तो उसे समायोजित करने की प्रक्रिया नोशनल वेतनवृद्धि है। लेकिन, कई बार जूनियर प्रमोशन पाकर अपने सीनियर से आगे निकल जाता है। ऐसी स्थिति में सीनियर की पदोन्नति की जाती है, जिसे नोशनल प्रमोशन कहते हैं। नोशनल प्रमोशन के बाद बैकडेट से मिलने वाली वेतनवृद्धि को नोशनल वेतनवृद्धि कहा जाता है। ये पदोन्नति और वेतनवृद्धि काल्पनिक न हो कर वास्तविक हैं। यानी कर्मचारियों की वेतनवृद्धि केवल कागज पर ही नहीं होगी बल्कि उन्हें रिटायरमेंट के ठीक बाद होने वाली वेतनवृद्धि का वास्तविक वित्तीय लाभ मिलेगा।