Posted Dec 7, 2024
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Posted Dec 6, 2024
Posted Dec 6, 2024
देश में करीब 270 रूसी हेलीकॉप्टर हैं। हर साल करीब 30 हेलीकॉप्टर को रखरखाव की जरूरत पड़ती है। अगर एक साल में इनका रखरखाव नहीं किया जाता तो अगले साल हेलीकॉप्टर की संख्या बढ़ जाती है। वर्तमान में धीमी गति से काम हो रहा है इसलिए थ्री बीआरडी विभिन्न कंपनियों के साथ मिलकर इस काम में तेजी लाने की तैयारी कर रहा है।रूस के एमआई हेलीकॉप्टर की पूरे विश्व में धाक है। वो विभिन्न देशों को हेलीकॉप्टर बेचते तो हैं लेकिन उनकी तकनीक नहीं देते। भारत ने अब इसका तोड़ निकाल लिया है। रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से सप्लाई चेन बाधित हुई तो चंडीगढ़ स्थित थ्री बीआरडी ने अपने अनुभव से खुद तकनीक विकसित की और रूस के हेलीकॉप्टर में सफलतापूर्वक लागू किया। ऐसे आठ एयरक्राफ्ट अब शान से हवा में उड़ान भर रहे हैं।थ्री बीआरडी के एयर-ऑफिसर-कमांडिंग एयर कमोडोर राजीव श्रीवास्तव ने बताया कि एमआई-17 वन वी और एमआई-17 वी5 की तकनीक रूस ने भारत को नहीं दी थी। थ्री बीआरडी ने देश में अपने अनुभव से इनकी टेक्नोलॉजी को बनाया और उनको एयरक्राफ्ट में लागू किया। इससे कई एयरक्राफ्ट को नया जीवन दिया गया है। उनकी गहन जांच की गई और फिर वो सभी पास हुए हैं। अब तक कुल आठ एयरक्राफ्ट में देश में बनी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है जो शान से उड़ रहे हैं।