Posted Dec 7, 2024
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Posted Dec 7, 2024
Posted Dec 6, 2024
Posted Dec 6, 2024
कतर ने 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों को रिहा कर दिया गया है। इनमें से 7 सोमवार सुबह भारत लौट आए हैं। ये कतर में जासूसी के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रहे थे। पहले इन्हें फांसी की सजा सुनाई गई थी। विदेश मंत्रालय ने सोमवार (12 फरवरी) को देर रात कहा- भारत सरकार कतर में गिरफ्तार किए गए दहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले 8 भारतीयों की रिहाई का स्वागत करती है। हम इनकी घर वापसी के लिए कतर के फैसले की सराहना करते हैं। कतर की इंटेलिजेंस एजेंसी के स्टेट सिक्योरिटी ब्यूरो ने 30 अगस्त 2022 को 8 पूर्व नौसैनिकों को गिरफ्तार किया था।दिल्ली एयरपोर्ट पर लौटने के बाद कुछ पूर्व नौसैनिकों ने मीडिया से बात की। एक पूर्व नौसैनिक ने कहा- PM मोदी के हस्तक्षेप के बिना हमारे लिए भारत लौटना संभव नहीं होता। भारत सरकार के लगातार प्रयासों के बाद ही हम वापस आ सके हैं। एक अन्य पूर्व नौसैनिक ने कहा- हम 18 महीने बाद भारत आ सके हैं। हम PM मोदी और भारत सरकार को उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद देते हैं। घर लौटकर अच्छा लग रहा है।ये सभी अफसर कतर की नौसेना को ट्रेनिंग देने वाली एक निजी कंपनी दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी में काम करते थे। दहरा ग्लोबल डिफेंस सर्विस प्रोवाइड करती है। ओमान एयरफोर्स के रिटायर्ड स्क्वाड्रन लीडर खमिस अल अजमी इसके प्रमुख हैं। उन्हें भी 8 भारतीय नागरिकों के साथ गिरफ्तार किया गया था, लेकिन नवंबर में उन्हें छोड़ दिया गया। गिरफ्तारी से करीब 14 महीने बाद 26 अक्टूबर 2023 को इन सभी पूर्व नेवी अफसरों को मौत की सजा सुनाई गई थी। 28 दिसंबर 2023 को इनकी मौत की सजा कैद में बदली गई थी।BBC के मुताबिक ये रिहाई ऐसे समय हुई है जब भारत और कतर के बीच गैस को लेकर एक अहम समझौता हुआ है। 6 फरवरी को हुए इस समझौते के तहत भारत कतर से साल 2048 तक लिक्विफाइड नैचुरल गैस (LNG) खरीदेगा। यह समझौता अगले 20 सालों के लिए हुआ है और इसकी कुल लागत 78 अरब डॉलर की है। भारत की सबसे बड़ी LNG आयात करने वाली कंपनी पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड (PLL) ने कतर की सरकारी कंपनी कतर एनर्जी के साथ ये समझौता किया है। इस समझौते के तहत कतर हर साल भारत को 7.5 मिलियन टन गैस एक्सपोर्ट करेगा। इस गैस का इस्तेमाल बिजली फर्टिलाइजर बनाने और इसे CNG में बदलने के लिए किया जाता है। भारतीय दूतावास को सितंबर 2022 के मध्य में पहली बार भारतीय नौसैनिकों की गिरफ्तारी के बारे में बताया गया था। इनकी पहचान कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ कमांडर पूर्णेंदु तिवारी कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला कमांडर संजीव गुप्ता कमांडर अमित नागपाल और नाविक रागेश के रूप में की गई। 30 सितंबर 2023 को इन्हें अपने परिवार के सदस्यों के साथ थोड़ी देर के लिए टेलीफोन पर बात करने की मंजूरी दी गई थी। पहली बार काउंसलर एक्सेस 3 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तारी के एक महीने बाद मिला। इस दौरान भारतीय दूतावास के एक अधिकारी को इनसे मिलने दिया गया था। 3 दिसंबर 2023 को कतर में मौजूद भारत के ऐंबैस्डर निपुल ने आठों पूर्व नौसैनिकों से मुलाकात की थी।अब जानते हैं नेवी के उन 8 पूर्व अफसरों के बारे में जिन्हें कतर ने रिहा किया...1. कैप्टन नवतेज सिंह गिल: हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार कैप्टन नवतेज सिंह गिल चंडीगढ़ के हैं। उनके पिता आर्मी के रिटायर्ड अफसर हैं। वे देश के फेमस डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज वेलिंगटन तमिलनाडु में इंस्ट्रक्टर रह चुके हैं। उन्हें बेस्ट कैडट रहने पर राष्ट्रपति अवॉर्ड दिया जा चुका है। 2. कमांडर पूर्णेंदु तिवारी: नेवी के टॉप ऑफिसर रह चुके हैं। नेविगेशन के एक्सपर्ट हैं। युद्धपोत INS मगर को कमांड करते थे। दहरा कंपनी में मैनेजिंग डायरेक्टर रिटायर्ड कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी को भारत और कतर के बीच द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने में उनकी सेवाओं के लिए साल 2019 में प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार मिला था। वह यह पुरस्कार पाने वाले आर्म्ड फोर्सेज के एक मात्र शख्स हैं। 3. कमांडर सुगुनाकर पकाला: टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार 54 साल के सुगुनाकर पकाला विशाखापट्टनम के रहने वाले हैं। नौसैनिक के तौर पर उनका कार्यकाल शानदार रहा है। उन्होंने 18 साल की उम्र में ही नेवी जॉइन की थी। वे नवंबर 2013 में इंडियन नेवी से रिटायर हुए थे। इसे बाद उन्होंने कतर की कंपनी अल दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी को जॉइन किया था। 4. कमांडर संजीव गुप्ता को गनरी स्पेशलिस्ट के तौर जाना जाता है। 5. कमांडर अमित नागपाल नौसेना में कम्युनिकेशन और इलेक्ट्रॉनिक वॉर सिस्टम के एक्सपर्ट हैं। 6 .कैप्टन सौरभ वशिष्ठ की पहचान तेज-तर्रार टेक्निकल ऑफिसर के तौर पर होती है। उन्होंने कई मुश्किल ऑपरेशन को अंजाम दिया है। 7. कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा को उनके नेविगेशनल एक्सपर्टीज के लिए पहचाना जाता है। 8. नाविक रागेश नौसेना में मेनटेनेंस और हेल्पिंग हैंड के रूप में काम करते थे।