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Posted - Sep 28, 2024

बंगाल की दुर्गापूजा: या देवी सर्वभूतेषु के साथ डॉक्टर बेटी को इंसाफ की मांग; इस साल अलग थीम, मूर्तियां भी छोटी

कोलकाता की दुर्गापूजा विश्व प्रसिद्ध है। यूनेस्को ने भी इसकी भव्यता को देखते हुए मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में इसे शामिल किया। पूजा में अब केवल 12 दिन शेष बचे हैं, लेकिन इस बार लोगों में वो उत्साह और उमंग नहीं दिख रहा है। इसका कारण है आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी।मां की मूर्ति पर बेटी का साया साफ दिखाई दे रहा है। कुछ पंडालों में मां की मूर्तियां क्रोधित नजर आ रही हैं। पंडालों में इस बार उत्सव के साथ विरोध के भाव भी देखने को मिलेंगे। या देवी सर्वभूतेषु के साथ वी वांट जस्टिस के नारे भी सुनाई देंगे। कई जगह पूजा की थीम बदल दी गई तो कहीं पर मूर्तियों के आकार को छोटा कर दिया गया। कुमार टुली के शिल्पकारों को भले ही बहुत ज्यादा नुकसान नहीं हुआ हो, लेकिन बाजारों में रौनक नहीं होने से दुकानदारों की माथे पर शिकन साफ दिखाई दे रही है। सूत्रों के मुताबिक, कोलकाता पुलिस को इस बार कुल 2,976 दुर्गा पूजा के लिए आवेदन प्राप्त हुई हैं। जो पिछली बार से 219 ज्यादा हैं।संतोष मित्रा स्क्वायर पूजा के महासचिव सजल घोष ने कहा कि योजना में थोड़ा बदलाव किया है। लोग जुटेंगे तो न्याय की मांग तो  करेंगे ही। इसी तरह से एक अन्य पूजा समिति के सदस्य कहते हैं, बेटी का साया मां की मूर्तियों पर भी दिख रही है। साथ ही मां के क्रोधित रूप को दिखाने के लिए मूर्तियों की भौहें भी तनी हुई हैं।यह बात किसी पार्टी से जुड़ी नहीं है, बल्कि बेटियों की सुरक्षा की है और इस बार पूजा पंडालों में न्याय की मांग उठेगी ही। यही कारण है कि इस बार कई पूजा कमेटियों ने सरकारी अनुदान भी लेने से मना कर दिया।करीब 15 वर्षों से लाइट सज्जा में लगे तापस मंडल कहते हैं, हर पंडाल अपनी थीम से कुछ न कुछ संदेश दे रहा है। भले ही इस बार फिजा में मायूसी है, लेकिन लाइटिंग से जो कमाल किया जाता है, इसे ही देखने के लिए देश और दुनिया से लोग कोलकाता आते हैं। इस बार कई पूजा समितियों ने महिला सुरक्षा की थीम पर अपने पंडाल सजाने शुरू कर दिए हैं। कहीं पर सती प्रथा की थीम है तो कहीं पर बॉर्डर की समस्या दिखाई जा रही है। इसके अलावा समाज में बेटियों के साथ होती दरिंदगी, सामाजिक कुप्रथाओं पर आघात करने वाली थीम पंडालों में दिखाई देगी।दुर्गा पूजा के समय कोलकाता के बाजारों में जो उत्साह, उमंग रहता है वो इस बार नहीं दिख रहा, लेकिन दुकानदारों ने रौनक लौटने की उम्मीद नहीं छोड़ी है। 2022 में जहां इस दौरान करीब 38,000 करोड़ और 2023 में 80,000 करोड़ से अधिक का व्यापार हुआ था, वहीं इस बार क्या होगा इसे लेकर संशय बरकरार है।गरिया हाट के दुकानदार तपन दास ने कहा, आप खुद देखिए बाजार में कितने लोग आ रहे हैं। अगर अगले कुछ दिनों में बाजार में रौनक नहीं लौटी तो हालात काफी परेशान करने वाले हो सकते हैं। उम्मीद है कि अगले दो से तीन दिनों में बाजार में रौनक लौटेगी।