Posted Dec 7, 2024
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Posted Dec 6, 2024
Posted Dec 6, 2024
भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और पूर्व आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत की आज पुण्यतिथि है। 8 दिसंबर 2021 को तमिलनाडु के कुन्नूर के नीलगिरी के जंगलों में भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर क्रैश में उनकी मौत हो गई थी। इस दौरान उनके साथ उनकी पत्नी मधुलिका रावत की भी मृत्यु हुई थी। जब ये खबर सामने आई तो पूरा देश शोक में डूब गया था। बिपिन रावत ऐसे योद्धा थे जिनके नाम से ही दुश्मन थर-थर कांपता था।देश के पहले सीडीएस बनाए गए जनरल रावत ऐसे जांबाज योद्धा थे जिन्होंने कई दफा दुश्मनों की आंख में आंख डालकर देखा था। उनका जन्म 16 मार्च 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में एक सैन्य परिवार में हुआ था। उनकी बहादुरी और कर्तव्यनिष्ठा को देखकर आर्मी चीफ पद से रिटायर होने के बाद उन्हें देश का पहला सीडीएस बनाया गया था। जनरल रावत की दहाड़ सुनकर पाकिस्तान डर गया था।जब दहाड़े थे जनरल रावत ये बात है साल 2015 की जब भारतीय सेना ने म्यांमार में घुसकर कुछ आतंकियों का सफाया किया था। इसके बाद सेना ने 2016 में पीओके में घुसकर पाकिस्तान को जवाब दिया। जब इसका जवाब देने की बारी आई तो जनरल रावत ने दहाड़ते हुए कहा यह वो भारत नहीं है जो बस हमलों की निंदा करे यह नया भारत है जो हर भाषा जानता है सम्मान की भी और बंदूक की भी।आज भी पाकिस्तानी मीडिया दिखाता है बयान जनरल रावत की इस दहाड़ को आज भी पाकिस्तानी मीडिया में दिखाया जाता है। इसके बाद लगातार आतंकियों में जनरल रावत का डर पैदा हो गया। जब तक वो आर्मी चीफ रहे तब तक सेना ने आतंक के खिलाफ कई मिशनों को अंजाम दिया।भारतीय सेना है दोस्ताना फौजजनरल रावत का एक और बयान काफी याद किया जाता है। उन्होंने कहा था कि हम एक दोस्ताना आर्मी हैं लेकिन जब हमें कानून और व्यवस्था बनाने के लिए बुलाया जाता है तो लोगों के हमसे डरना चाहिए।श्मीरी पत्थरबाजों को दिया था जवाबजनरल रावत ने कश्मीर में पत्थरबाजों को जबरदस्त जवाब दिया था। उन्होंने कहा था कि काश ये लोग हम पर पत्थर की जगह गोलीबारी कर रहे होते जो मैं ज्यादा खुश होता। तब कम से कम मैं वो कर पाता जो मैं करना चाहता हूं। उनके इस बयान का मतलब कट्टरपंथी समझ गए और कश्मीर में पत्थरबाजी कम हो गई।