Posted - Jul 27, 2023
मोहम्मद साहब के आखिरी पैगंबर की अवधारणा को चुनौती देने वाले कादियानी मुसलमानों पर विवाद क्या है स्मृति ईरानी ने क्यों लिखी चिट्ठी?
अहमदिया संप्रदाय के कादियानियों को गैर-मुस्लिम मानने के फैसले पर विवाद खड़ा हो गया है. लेकिन इसकी वजह क्या है आखिर क्यों मुसलमान कादियानियों को मुसलमान का दर्जा नहीं देता.आंध्र प्रदेश वक्फ बोर्ड के जरिए कादियानियों (अहमदिया संप्रदाय) को गैर-मुस्लिम करार देने के फैसले पर विवाद हो गया है इस संबंध में फरवरी में एक प्रस्ताव पारित किया गया था और वक्फ बोर्ड ने हाल ही में इस मुद्दे पर अपना रुख दोहराते हुए कादियानियों को गैर मुस्लिम करार दे दिया अब इस पूर मामले में मोदी सरकार की एंट्री हो गई है. केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री स्मृति ईरानी ने पत्र लिखकर जमकर फटकार लगाई है और इस प्रस्ताव को नफरत भरा करार दिया. स्मृति ईरानी के पत्र के बाद 24 जुलाई को जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने आंध्र प्रदेश वक्फ बोर्ड के रुख का समर्थन किया स्मृति ईरानी के पत्र में क्या लिखा थास्मृति ईरानी ने अपने पत्र में जोर देकर कहा कि कादियानी वही हैं जो होने का वो दावा करते हैं. उन्होंने आगे कहा कि देश में कोई भी कानून वक्फ बोर्ड को किसी को भी उसके ईमान (विश्वास प्रणाली) से निष्कासित करने का अधिकार नहीं देता है. उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी राज्य स्तर पर होते हुए सरकारी प्रणाली में हस्तक्षेप नहीं कर सकता. मैंने संबंधित सरकार से वक्फ बोर्ड के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया हैकेंद्रीय मंत्री की टिप्पणी पर जमीयत उलेमा ने आपत्ति जताई और कहा कि स्मृति ईरानी का अलग दृष्टिकोण पर जोर देना अनुचित और अतार्किक है. जमीयत ने 25 जुलाई को जारी एक बयान में कहा कि इस्लामी मान्यताओं के खिलाफ मिर्जा गुलाम अहमद कादियानी (कादियानी समूह के संस्थापक) ने एक ऐसा रुख अपनाया जो पैगंबर की अवधारणा को चुनौती देता है.