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Posted - Sep 18, 2024

लखनऊ: बुलडोजरों ने इमरजेंसी में ढहाई थीं 4000 से ज्यादा इमारतें, चंद घंटों के नोटिस पर गिरा दिए गए थे घर

सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में एक अक्तूबर तक बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत ने मंगलवार को साफ किया कि यह आदेश सार्वजनिक सड़कों, फुटपाथों, रेलवे लाइनों, जलाशयों के अतिक्रमण पर लागू नहीं होगा।देशभर में अपराधियों की संपत्तियों पर बुलडोजर एक्शन का कई राजनीतिक दल लंबे समय से विरोध कर रहे हैं। हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब देश में बुलडोजर एक्शन चर्चा का विषय बना है। आपातकाल के दौरान देशभर में 4039 इमारतों पर बुलडोजर चलाया गया था।अमर उजाला में तीन सितंबर 1978 को शाह आयोग की रिपोर्ट के हवाले से तोड़फोड़ में पुलिस शक्ति और बुलडोजरों का खुला प्रयोग शीर्षक से खबर प्रकाशित हुई थी। इसके मुताबिक, शाह आयोग ने अपनी तीसरी और अंतिम रिपोर्ट में कहा था कि दिल्ली में अधिकांश इमारतें संजय गांधी के आदेश से गिराई गईं। वहीं, अन्य राज्यों में उन्हें खुश करने के लिए यह काम किया गया।शाह आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि देशभर में हुई बुलडोजर कार्रवाई में दिल्ली शीर्ष पर थी। अकेले दिल्ली में 1248 इमारतें ढहाई गईं। मध्य प्रदेश में 628, उत्तर प्रदेश में 425, हरियाणा में 300, उड़ीसा में 251, बिहार में 226, पश्चिम बंगाल में 204 और राजस्थान में 163 इमारतें गिराई गई थीं।शाह आयोग की रिपोर्ट में अन्य राज्यों का ब्योरा भी दिया गया था। इसमें बताया गया था कि गंदी बस्तियों को हटाने और नगरों के सुंदरीकरण के लिए बुलडोजर से तोड़फोड़ की गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, कई जगह मनमानी हुई थी तो काफी मामले अमानवीय भी थे। देशभर में चंद घंटों के नोटिस पर ही हजारों परिवार उजाड़ दिए गए थे।