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Posted - Nov 29, 2023

Car Tips: खरीदनी है कार लेकिन ट्रांसमिशन में हैं कन्फ्यूज जानें मैनुअल या ऑटोमैटिक में से कौन है बेहतर

अक्सर लोग नई कार खरीदने से पहले ट्रांसमिशन में मिलने वाले विकल्प में कन्फ्यूज हो जाते हैं। लेकिन मैनुअल और ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन में से कौन सा बेहतर है। आइए जानते हैं। कंपनियों की ओर से अपनी कारों में कई तरह के विकल्प दिए जाते हैं। इनमें फीचर्स और लुक्स के साथ ही इंजन और ट्रांसमिशन में भी कई विकल्प मिलते हैं। ऐसे में किस तरह के ट्रांसमिशन वाली कार को खरीदना आपके लिए बेहतर हो सकता है। हम इसकी जानकारी आपको इस खबर में दे रहे हैं।अक्सर लोग नई कार खरीदने से पहले ट्रांसमिशन में मिलने वाले विकल्प में कन्फ्यूज हो जाते हैं। लेकिन मैनुअल और ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन में से कौन सा बेहतर है। आइए जानते हैं।कंपनियों की ओर से अपनी कारों में कई तरह के विकल्प दिए जाते हैं। इनमें फीचर्स और लुक्स के साथ ही इंजन और ट्रांसमिशन में भी कई विकल्प मिलते हैं। ऐसे में किस तरह के ट्रांसमिशन वाली कार को खरीदना आपके लिए बेहतर हो सकता है। हम इसकी जानकारी आपको इस खबर में दे रहे हैं।मैनुअल ट्रांसमिशन मैनुअल गियर वाली कारें भारत में लंबे समय से प्रचलित हैं। इन कारों को चलाने में ज्यादा समझ की जरुरत नहीं होती। साथ ही इनको चलाना और रखरखाव करना काफी आसान होता है। इसके अलावा मैनुअल ट्रांसमिशन वाली कारों की कीमत भी अन्य कारों के मुकाबले काफी कम होती है।ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन मैनुअल के मुकाबले में ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाली कारों को चलाना काफी ज्यादा आरामदायक होता है। इन कारों में मैनुअल की तरह गियर और क्लच का उपयोग नहीं किया जाता। जिस कारण नए ड्राइवर भी इन कारों को काफी आसानी से चला पाते हैं।किसमें मिलेगी ज्यादा पावर मैनुअल ट्रांसमिशन वाली कारों में पावर ड्राइवर के हाथ में होती है। क्योंकि वह गियर बदलकर जब चाहे तब इंजन से ज्यादा पावर हासिल कर पाता है। लेकिन ऑटोमैटिक कारों में इस तरह की सुविधा नहीं मिल पाती। इंजन को ऐसे ट्यून किया जाता है जिससे कार खुद ही गियर बदलती है। मैनुअल कारों का रखरखाव काफी ज्यादा आसान होता है। तय समय पर सिर्फ गियर ऑयल बदलने से ही इनके गियरबॉक्स की उम्र को बढ़ाया जा सकता है। वहीं अगर इनमें कोई खराबी आ भी जाए तो आसानी से इनको ठीक करने के लिए मेकैनिक मिल जाता है। लेकिन अगर ऑटोमैटिक कार में कोई परेशानी आ जाए तो उसे ठीक करवाना काफी मुश्किल भी हो सकता है। क्योंकि ऐसी कारों को सिर्फ कंपनी की ओर से ट्रेनिंग दिए गए मेकैनिक से ही ठीक करवाया जा सकता है। साथ ही इनके पार्ट्स भी मैनुअल के मुकाबले महंगे होते हैं। मैनुअल और ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन के साथ आने वाली कारों की कीमत में भी काफी फर्क होता है। एक ही कंपनी की किसी एक कार के मैनुअल ट्रांसमिशन को खरीदने के साथ ही अगर इसका ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाला वैरिएंट देखा जाता है तो दोनों की कीमत में कुछ हजार रुपये से लेकर कई लाख रुपये तक का फर्क भी आ सकता है।