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Posted - Nov 29, 2023

DiDinosaur Park Delhi : पार्क में हिलेगी डायनासोर की पूंछ आंखों से निकलेगी रोशनी जंगल जैसी होगी इसकी बसावट

बस कुछ दिन का इंतजार है दिल्ली में डायनासोर के साथ ऐसे घूमना होगा जैसे जुरासिक पार्क में हों। यहां स्क्रैप से निर्मित देश का पहला डायनासोर पार्क दिसंबर के आखिर तक तैयार हो जाएगा। इसके निर्माण का करीब 85 फीसदी काम हो गया है। पार्क में 40 डायनासोर होंगे जिनमें से 24 छोटे और 16 बड़े आकार के होंगे। सबसे बड़ा डिप्लोडोकस डायनासोर 60 फुट ऊंचा 71 फुट लंबा और 13 फुट चौड़ा होगा, जिसके भीतर पार्टी भी होगी। इसे सीधे पार्क की कैंटीन से जोड़ा जा रहा है। बच्चों के पसंदीदा टी-रेक्स कैरेक्टर वाले डायनासोर को भी बनाया गया है जिसके मुंह से आग निकलेगी और पूंछ भी हिलेगी। पर्यावरण के लिहाज से पार्क में पहले से मौजूद पेड़ों और झाड़ियों को बिल्कुल भी नहीं काटा गया है। बल्कि और भी पेडों और झाड़ियों को उगाया जा रहा है। हजरत निजामुद्दीन में एमसीडी के वेस्ट टु वंडर पार्क की विस्तार योजना के अंतर्गत डायनासोर पार्क बनाया जा रहा। इस पार्क को करीब 300 टन मेटल स्क्रैप हार्टिकल्चर वेस्ट और सीएंडडी वेस्ट के इस्तेमाल से बनाया जा रहा। पार्क के अंदर डायनासोर को बच्चों को ध्यान में रखकर बनाया गया है बच्चे इसके भीतर जा सकते हैं। सेल्फी खींच सकते हैं। डायनासोर के साथ फिल्म का दृश्य भी बनाने की कोशिश की गई है। इनमें से कई डायनासोर की गर्दन और पूंछ हिलेगी। जंगल की तरह बनाया जा रहा पार्क को कुछ इस तरह से बनाया गया है कि मानो आप जंगल में हों और चारों तरफ डायनासोर से घिरे हों। डायनासोर के चारों ओर घने पेड़ होंगे। इनके बीच बड़ी खूबसूरती से रास्ते बनाए गए हैं। लाइटिंग इफेक्ट के लिए जमीन के नीचे से वायरिंग की गई है। लाइटिंग कंट्रोल सिस्टम से अचानक अंधेरा हो जाएगा रंगीन लाइट जल जाएगी और कभी डायनासोर की आंख से रंगीन लेजर लाइट निकलने लगेगी। पीयू कोटिंग से होगी डायनासोर की सुरक्षा लोहे के स्क्रैप से बने डायनासोर को जंग से बचाने के लिए पीयू कोटिंग की जा रही है। इससे ये वाटर प्रूफ हो जाएंगे। इसके अलावा ताड़ के पत्तों से बने डायनासोर के ऊपर विशेष रासायनिक लेप किया है जिससे ये सालों साल ऐसे ही बने रहेंगे। हर डायनासोर एक दूसरे से अलग विनीत बारोट ने इस पूरे प्रोजेक्ट को डिजाइन किया है। उन्होंने बताया कि ये देश का पहला डायनासोर पार्क होगा। अलग-अलग आकृतियों को अलग-अलग स्क्रैप से बनाया है। हर एक डायनासोर एक दूसरे से अलग और खास है। एमसीडी के उद्यान विभाग के निदेशक आलोक सिंह ने बताया कि काम पूरा होने वाला है।