Posted Mar 8, 2025
Posted Mar 8, 2025
Posted Mar 8, 2025
Posted Mar 7, 2025
हिमाचल प्रदेश में इस साल जंगल अधिक धधक रहे हैं। अधिक गर्मी और ऊपर से जंगलों में आग से करोड़ों की वन संपदा राख हो रही है। आग के कारण वन्य जीवों की जान पर बन आई है। प्रदेश में उत्तराखंड जैसे हालात बन रहे हैं। लेकिन अभी तक आग बुझाने के बड़े स्तर पर प्रयास नहीं किए गए हैं। ड्रोन-हेलिकाप्टर से आग बुझाने के दावे हवा हो गए हैं। आज भी वन विभाग के कर्मचारी झाड़ियों का झाड़ू बनाकर ग्रामीणों के सहयोग से आग पर काबू पाने की मशक्कत में जुटे हैं। प्रदेश में 1 अप्रैल के बाद से रविवार शाम तक 418 जंगलों में आग लगने की घटनाएं दर्ज हो चुकी हैं। कुल 3,290.31 हेक्टेयर क्षेत्र राख हो गया है। जंगलों में आग की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन सरकार और वन विभाग की ओर किए गए दावे खोखले साबित हो रहे हैं। प्रदेश सरकार ने जंगलों की आग पर काबू पाने के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टर के इस्तेमाल करने की बात कही थी, लेकिन अभी तक इसका प्रबंध नहीं हो पाया है। जबकि दमकल विभाग के फायर टेंडर जंगलों के बीच नहीं पहुंच पा रहे हैं। प्रदेश में शनिवार शाम से रविवार शाम तक 37 जगह जंगलों में आग लगने की घटनाएं वन विभाग ने दर्ज की हैं। इसमें 584.47 हेक्टेयर भूमि में वन संपदा को नुकसान पहुंचा है।बिलासपुर में सबसे अधिक 14 जगह लगी आगहमीरपुर जिले में 722 हेक्टेयर क्षेत्र में जंगल राख हो गए हैं। करोड़ों की वन संपदा के साथ वन्य प्राणी भी जल गए हैं। यहां पर 73 बार जंगलों में आग की घटनाएं दर्ज हुईं जबकि धर्मशाला मंडल में 107 आग की घटनाएं सामने आई हैं।शिमला