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Posted - Oct 14, 2024

मुर्गी या अंडा, पहले क्या आया? दोनों हो सकते हैं सही जवाब, पूरे वैज्ञानिक हैं कारण, कर देंगे हैरान!

यह सदियों पुराना सवाल है कि पहले मुर्गी आई या अंडा?  यह ऐसा सवाल है कि इसके जवाब से तर्क करने वालों के संतुष्ट कर पाना बहुत मुश्किल लगता है. इस पर कई तरह की रिसर्च हो चुकी हैं, कई दलीलें दी जा चुकी हैं. शायद आप भी इस सवाल का सही जवाब जानते हैं. लेकिन जीवों के विकास का विज्ञान जिसे इवोल्यूशनरी साइंस कहते है. इस सवाल के जवाब की बहुत ही रोचक तरीके से तलाश करता है. आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि दोनों ही जवाब सही हैं और उसकी वजहें साफ करती हैं कि ऐसा क्यों है?यह पता चला है कि अंडे उतने ही समय से मौजूद हैं, जितना कि पृथ्वी पर जीवन. इवोल्यूशन या क्रम विकास विशेषज्ञों का कहना है कि अंडे मुर्गी से लाखों साल पहले विकसित हुए, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अंडा पहले आया.
अंडे की अहमियतप्राणी विज्ञान संवाददाता और अंडे के विकास पर इनफिनिट लाइफ नामक पुस्तक के लेखक जूल्स हॉवर्ड, कहते हैं, पहले अंडों का विकास जीवन के जन्म से घनिष्ठ रूप से जुड़ा हो सकता है जैसा कि हम जानते हैं. एक्सपर्ट्स तर्क देते है कि अंडे जानवरों के लिए जीवन-सहायक कैप्सूल की तरह हैं, जो जेनेटिक विविधता और अद्वितीय अकेली हस्ती को बनाने का मौका देते हैं.अगर हम यह स्वीकार करते हैं कि अंडा किसी जानवर के लिए सिर्फ़ ‘जीवन-सहायक कैप्सूल’ है, तो निश्चित रूप से ये किसी न किसी रूप में अंडे माने जाएँगे. पहले के अंडे, आज हम जो जानते हैं, उससे बहुत अलग थे. उन्हें समुद्र में जेलीफ़िश या कृमि जैसे जीवों ने दिया था. यह देखते हुए कि यह जीवन के ज़मीन पर आने से करोड़ों साल पहले की बात है, यह कहना सुरक्षित लगता है कि अंडा मुर्गी से पहले आया था.फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी के जीवाश्म विज्ञानी और प्राचीन पक्षियों में विशेषज्ञ डॉ. एलेन माथेर, का कहना है अगर आप इसे अंडे के संदर्भ में समग्र रूप से देखें, तो इसका जवाब निश्चित रूप से अंडे ही है. लेकिन सवाल के एक पहलू मुर्गियों का भी है. मुर्गियाँ जंगली जंगली पक्षियों से विकसित हुईं जो मनुष्यों के पास रहने के लिए ढल गईं. जिससे आधुनिक प्रजातियों वाली मुर्गियों का पालतूकरण हुआ.पहले, शोधकर्ताओं का मानना ​​था कि पहली सच्ची घरेलू मुर्गियां लगभग 10,000 साल पहले उभरी थीं. हालाँकि, बाद के विश्लेषण से पता चलता है कि कथित मुर्गी के कई नमूने वास्तव में बत्तख जैसे अन्य जंगली पक्षियों के थे. हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि दक्षिण पूर्व एशिया में मनुष्यों ने पहली बार इन पक्षियों को 1650 ईसा पूर्व और 1250 ईसा पूर्व के बीच पालतू बनाया था. इससे चिकन की उम्र अधिकतम 3,500 साल होगी.