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Posted - Nov 21, 2024

All We Imagine as Light Review: मुंबई में जीने का फलसफा समझाती एक सिने कविता, कैसे, एक हूक जब जीवन बन जाती है

फ्रांस, भारत, नीदरलैंड और लग्मबर्ग के चार निर्माताओं की मिली जुली कोशिश फिल्म ऑल वी इमेजिन एज लाइट पुरस्कारों की राजनीति पर एक करारा तमाचा है। जिस फिल्म को कान फिल्म पुरस्कार में समारोह का दूसरा सबसे प्रतिष्ठित यानी कि ग्रां प्रि पुरस्कार जीतने पर पूरे देश ने सिर आंखों पर बिठा लिया, उसे फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया ने शायद भारतीय फिल्म ही नहीं समझा। उसे आमिर खान के नाम में ज्यादा वजन नजर आया। ऑल वी इमेजिन एज लाइट’ में काम करने वाली अभिनेत्री छाया कदम की मानें तो उन्हें फिल्म लापता लेडीज के ऑस्कर जाने की जानकारी तीन चार दिन पहले ही मिल गई थी, फिर फिल्म की निर्देशक किरण राव ने उन्हें समझाया कि अभी कागजी कार्रवाई बाकी है। देख रहा है बिनोद, कौन सी पंचायत बैठती है सिनेमा बनाने वालों के बीच।समंदर किनारे किनारे घूमती रही फिल्म ऑल वी इमेजिन एज लाइट कान से होकर मुंबई होते हुए गोवा आ पहुंची है। फिल्म शुक्रवार से केरल के तमाम सिनेमाघरों में रिलीज हो जाएगी। देश के बाकी तमाम सिनेमाघरों में भी ये दिख सकती है। मौसम देश भर में इन दिनों बदल रहा है और ये मौसम ही पायल कपाड़िया की इस फिल्म की अंतर्धारा है। भोर होने से पहले ब्रह्म मुहूर्त में मुंबई के दादर सब्जी मंडी और फूल मंडी में पूरा हिंदुस्तान है।