Posted Dec 7, 2024
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Posted Dec 6, 2024
Posted Dec 6, 2024
लंबे समय से विकसित की जा तकनीक रोबोट का घरेलू और कारोबारी कामों में मदद के लिए इस्तेमाल होने भी लगा है लेकिन क्या हो अगर कोई 42 साल का बच्चा एक ऐसी रोबोट पर मोहित हो जाए जिसे उसकी मौसी ने घरेलू कामकाज में मदद के लिए तैयार किया है। विचार अच्छा है इंसानी कौशल से तैयार मशीनों की कृत्रिम मेधा कैसी तबाही लाती है ये कहानियां हम हॉलीवुड की फिल्मों में खूब देख चुके हैं। अब बारी हिंदी सिनेमा की। तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया एक अद्भुत विचार है इस विचार पर फिल्म कैसी बनी है आइए जानते हैं!रोबोट अगर खराब हो जाए उसकी आंतरिक व्यवस्था में कोई खामी आ जाए या वह अपने प्रशासक (एडमिन) के निर्देश मानने से ही मना कर दे तो कुछ भी हो सकता है। कृत्रिम मेधा तक तो फिल्म तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया नहीं पहुंचती लेकिन इसे बनाने वालों की मेधा जरूर इस फिल्म में अपना इम्तिहान देती दिखती है। जियो स्टूडियोज के पास अथाह पैसा है। उनके एप जियो सिनेमा को लगातार कुछ नया दिखाने के लिए फिल्में वेब सीरीज और भी बहुत कुछ चाहिए। विदेश से उन्हें अच्छी फिल्में व वेब सीरीज मिल भी गई हैं। लेकिन हिंदी सिनेमा का क्या करें जहां उनको सबसे मेधावी निर्माता अब तक दिनेश विजन ही मिले हैं। हिंदी सिनेमा में चर्चा ये भी रही है कि जियो स्टूडियोज ने दिनेश विजन की कंपनी मैडॉक फिल्म्स में आधी हिस्सेदारी खरीद ली है। तो अब जियो स्टूडियोज अपना घरेलू स्टूडियोज वॉयकॉम18 होते हुए भी मैडॉक के साथ थोक में फिल्में बना रहा है और दर्शकों को लगातार पका रहा है।फिल्म तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया इस साल की पहली मेगास्टार पकाऊ फिल्म है। 2019 मेंकबीर सिंह से जो कुछ शाहिद कपूर ने कमाया था उसे वह अपनी ‘फर्जी’ जैसी सीरीज और जर्सी जैसी फिल्म में गंवा चुके हैं।